
संत नानक जी
नानक जी को मालिक कबीर जी जिन्दा रूप में मिले तथा उनको आदि ज्ञान दिया। कबीर साहेब जी की आदेश से नानक जी ने श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी रचना की और अपनी वाणियो में कबीर साहेब जी को पूर्ण गुरु कहा है।
वाह वाह कबीर गुरु पूरा है।
पूरे गुरु की मैं बलि जावाँ जाका सकल जहूरा है।।
अधर दुलिच परे है गुरुन के शिव ब्रह्मा जह शूरा है।।
श्वेत ध्वजा फहरात गुरुन की बाजत अनहद तूरा है।।
पूर्ण कबीर सकल घट दरशै हरदम हाल हजूरा है।।
नाम कबीर जपै बड़भागी नानक चरण को धूरा है।।
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